Friday, June 18, 2010

विनाश काले विपरीत बुद्धी

हमारी द्रष्टी सीमित है
लघु हमारे इरादे
बिल विद्युत खर्च का
कोरे कोरे वादे

Biscuit कम दाम के
Toilet paper सस्ते
हर किसी मांग पर
कोरा नमस्ते

कक्ष मे बैठकर
वो बनायें कैसी नीति
१०% मुद्रा स्फ़ीति
५% वेतन व्रद्धि

कर्मचारी से बढी
हो गयी है पैसे की माया
१ निपुण के बदले २ नवीन
खूभ उपाय अपनाया

एकाएक उपलब्धियों के पैमाने
बदल रहे है
हम उतक्रष्टता से अधिकता की
और बढ रहे है

प्रतिबद्धता माने शोषन सहन करो
मुल्य मतलब प्रश्न दहन करो
फ़िर भी अगर तुम्हे कौतुहलता सताये
तर्क परेशान करें,
भूल से भी व्यवस्था या नीतियों पे
कुछ बोल पढो,
तो यह तुमहारी विक्रत प्रवर्ति और प्रतिकारी
स्वरुप का सूचक होगा
योग्यता निर्धारन के समय साल भर किये
अच्छे काम से ज्यादा इसका भार होगा

यह कौन समझे की अगर
यही हाल रहा तो कैसे होगी व्रद्धी
ठीक कहा है किसी ने
"विनाश काले विपरीत बुद्धी"
"विनाश काले विपरीत बुद्धी"

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