दीप हो खुशी के
भरपूर हंसी के
दीप हो जीत के
साथ मे मीत के
दीप हो संस्कार के
ना कि दुराचार के
दीप हो प्यार के
संग अपने यार के
दीप हो मिलन के
बिना किसी जलन के
दीप हो देश के
हर रुप भेष के
दीप हो संवाद के
ना हो आंतकवाद के
दीप हो भान्ति के
मगर हो शांती के
लौं सी रोशन हो खुशहाली आपकी
हर दीप से सजी हो दिवाली आपकी