आज फ़िर एक हमला हुआ है,
आज फ़िर मै चुप हूँ ॥
सब मंजर देखे मैने, खून, चीख, मौत,
मगर मैं खडा रहा, निसहाय अकेला ।
किसी मदद की तलाश मे ॥
यही तो करता आया था मैं,
किसी का इंतज़ार, उस मसीहा का
जो मुझे इस उत्पात से बचाये ॥
अपने ज़ख्मो पे मरहम लगाकर,
अपने आँसूओं को पोंछकर
फ़िर निकल पडता था अपने काम पे ॥
मेरी इसी मजबूरी को ना जाने
लोगों ने क्या क्या नाम दिये
मगर मेरी दहशत भुलाने का यही ईलाज़ था ॥
पर क्या मैं उन हादसों को भुला पाया हूँ ?
क्या मैं उन ज़ख्मों को मिटा पाया हूँ ?
नही !!
यह हादसे होते रहेंगे और नासूर बन मेरे
ज़ख्मों को कुरेदते रहेंगे ?
कोई मसीहा मुझे बचाने नही आयेगा,
जो करना है मुझे ही करना है,
नही आज मैं चुप नही रहूँगा,
मैं बोलूंगा ।
मेरी आवाज़ ही मुझे बचायेगी ।
वो ही मेरी मसीहा है ॥
हाँ मुझे बोलना है ,
हाँ हमे बोलना है ।
7 comments:
Everybody should speak
आपने बहुत अच्छा लिखा है ।
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
welcome and best wishes
dr.bhoopendra
नही आज मैं चुप नही रहूँगा,
मैं बोलूंगा ।
मेरी आवाज़ ही मुझे बचायेगी ।
वो ही मेरी मसीहा है ॥
हाँ मुझे बोलना है ,
हाँ हमे बोलना है ।
काश .....हम सब भी जाग जायें
आपका चिठ्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है, खूब लिखें, हमारी शुभकामनायें आपके साथ हैं… धन्यवाद…
नही आज मैं चुप नही रहूँगा,
मैं बोलूंगा ।
मेरी आवाज़ ही मुझे बचायेगी ।
वो ही मेरी मसीहा है ॥
हाँ मुझे बोलना है ,
हाँ हमे बोलना है ।
bahut swachha bhav hai...congrates.
aapka swagat hai ....
www.chitrasansar.blogspot.com
आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
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